चंडीगढ़: (मीडिया जंक्शन- विक्रांत/नेगी): एनसीसी चंडीगढ़ ग्रुप के ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर वी.एस. चौहान, विशिष्ट सेवा मैडल ने गोस्वामी गणेश दत्ता सनातन धर्म कॉलेज (जीजीडीएसडी), सेक्टर 32, चंडीगढ़ का दौरा किया। ब्रिगेडियर चौहान को एनसीसी कैडेट्स द्वारा गॉर्ड ऑफ ऑनर (जीओएच) दिया गया। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अजय और एसोसिएट एनसीसी ऑफिसर मेजर वरिंदर और लेफ्टिनेंट रितिका सिन्हा ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
इस दौरे में ब्रिगेडियर चौहान और 2 चंडीगढ़ के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल परमजीत सिंह और प्रिंसिपल डॉ. अजय के बीच बातचीत हुई, जिसके बाद एएनओ ने एनसीसी प्रशिक्षण और गतिविधियों के क्षेत्र में संस्थान की उल्लेखनीय उपलब्धियों और चल रही पहलों पर विस्तृत जानकारी दी। ब्रिगेडियर चौहान ने कॉलेज के 60 एनसीसी कैडेट्स को एक विशेष संबोधन दिया, जिसके दौरान उन्होंने उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की और उन्हें उत्कृष्टता और अनुशासन के लिए प्रयास जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने राष्ट्र निर्माण और जिम्मेदार भावी नागरिकों के विकास में एनसीसी के महत्व पर प्रकाश डाला।
चण्डीगढ़ : सेक्टर-37 स्थित लॉ भवन में भगवान वाल्मीकि शोभायात्रा कमेटी द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर विशाल कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें सैंकड़ों की संख्या में समाजसेवी, धर्मगुरु, बुद्धिजीवी वर्ग और आम नागरिकों ने भाग लिया। इस ऐतिहासिक आयोजन में डॉ. अंबेडकर के विचारों, उनके संघर्ष और संविधान निर्माण में उनके योगदान को रेखांकित किया गया, साथ ही शिक्षा, समानता और सामाजिक न्याय के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया गया। शिक्षा और खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों सहित समाज सेवा और सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय लोगों को ट्रॉफी और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अगुवाई कमेटी के चेयरमैन समदर्श वेद जोसफ और ओमपाल चावर सिंह ने की। समदर्श वेद जोसफ ने इस अवसर पर कहा कि वाल्मीकि हमारी आस्था हैं, अंबेडकर हमारा रास्ता हैं, जो समाज के लिए प्रेरणा का संदेश है। समारोह में मुख्य अतिथि कुलदीप चंद अग्निहोत्री, संजय टंडन, विक्रांत खंडेलवाल, देवेंद्र सिंह, मनीष बंसल, ओपी ड्रेविड, जय नारायण, यशवीर बेदी समेत कई धर्मगुरु और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में समदर्श वेद जोसफ, पवन अटवाल और काली आदिवाल की प्रमुख भूमिका रही, वहीं सहयोगियों में विशाल (कालू), शिवा चौहान, पंकज मास्टर, विशाल बिल्ला, रवि आदिवाल, लव कुमार, दिवेश, सुभाष तमोली, रविता खेरवाल, सुनील पहलवान, मुकेश बॉक्सर, आनंद बॉक्सर, रजत बॉक्सर, उदेश पोहाल, सोनिया चड्डा, ज्योति हंस, बबिता (डड्डूमाजरा), सोनिया दुग्गल, मीणा चड्डा और सुरजीत खेड़ा सहित सैकड़ों लोगों ने अपनी ज़िम्मेदारियां निभाईं। यह आयोजन न केवल डॉ. अंबेडकर की विरासत को सहेजने की एक कोशिश रहा, बल्कि समाज में एकता, जागरूकता और बदलाव की दिशा में भी एक सशक्त संदेश बनकर उभरा।
देहरादून: नई दिल्ली में 11 से 13 अप्रैल 2025 तक आयोजित होने वाले चौथे खेलो मास्टर्स राष्ट्रीय चैंपियनशिप में प्रतिभाग करने के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह ने बुधवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय से उत्तराखण्ड की टीम को रवाना किया। इस आयोजन में एथलेटिक्स, फुटबॉल, बास्केटबॉल, हॉकी, शूटिंग, बैडमिंटन टेबल टेनिस और वॉलीबॉल जैसे खेल शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने चौथे खेलो मास्टर्स राष्ट्रीय चैंपियनशिप में प्रतिभाग करने वाले सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में अनेक कार्य हुए हैं। खेल इन्फ्रास्क्चर का तेजी से विकास हुआ है। प्रधानमंत्री द्वारा खिलाड़ियों का हमेशा उत्साहवर्द्धन किया जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए नई खेल नीति में खिलाड़ियों को हर संभव सुविधा देने के प्रयास किये गये हैं। उत्तराखण्ड में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में राज्य ने सातवां स्थान प्राप्त किया। उत्तराखण्ड अब खेल भूमि के रूप में भी अपनी पहचान बना चुका है।
खेलो मास्टर्स गेम्स फाउंडेशन ऑफ़ उत्तराखंड के उपाध्यक्ष डॉ. विरेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में इस वर्ष उत्तराखण्ड के खिलाड़ियों का दल चौथे मास्टर्स नेशनल गेम्स में प्रतिभाग करेगा। उत्तराखंड की फुटबाल टीम में 40, 50 और 60 से अधिक आयु वर्ग की तीन टीमों के खिलाड़ी और एथलेटिक्स की 40 से अधिक आयु और 70 से अधिक की आयु वर्ग के खिलाड़ी खेलो मास्टर्स नेशनल गेम्स 2025 में प्रतिभाग करेंगे।
इस अवसर पर खेलो मास्टर्स गेम्स फाउंडेशन ऑफ़ उत्तराखंड के संरक्षक प्रेम सिंह बिष्ट, पी सी खंतवाल, सुभाष अरोड़ा, विमल सिंह रावत, सुनील शर्मा अनीश शर्मा, विनेश राणा शरद अग्रवाल, सुरेन्द्र सिंह रावत, छत्रेश कुमार प्रेम प्रकाश पुरोहित और अन्य खिलाड़ी उपस्थित थे।
मोहाली, (मीडिया जंक्शन- विक्रांत/नेगी):- विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस के अवसर पर, एनडी केयर सेंटर ने अपने मोहाली केंद्र में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकारों के बारे में माता-पिता की जागरूकता बढ़ाना था, ताकि ऑटिज्म-मुक्त जीवन को बढ़ावा दिया जा सके। इस अवसर पर बच्चों के लिए विशेष गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिनमें जुम्बा, कलरिंग, पेंटिंग और डांसिंग शामिल थीं, जिनसे बच्चों की शारीरिक क्षमताओं को बढ़ावा मिला।
"सशक्त ऑटिस्टिक आवाज़ों" की थीम पर आधारित इस कार्यक्रम का उद्देश्य ऑटिज्म से पीड़ित व्यक्तियों और उनके परिवारों को समर्थन और सशक्तिकरण प्रदान करना था, ताकि वे सार्थक जीवन जी सकें और सफल करियर बना सकें।
इस कार्यक्रम में ऑटिज्म के क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा कार्यशालाओं, सेमिनारों और इंटरैक्टिव सत्रों की एक श्रृंखला आयोजित की गई। इन सत्रों में माता-पिता को ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकारों के लक्षणों, निदान और उपचार विकल्पों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। माता-पिता को घर और समुदाय में अपने बच्चों का समर्थन करने के लिए व्यावहारिक रणनीतियाँ सीखने और समान चुनौतियों का सामना करने वाले अन्य परिवारों से जुड़ने का अवसर मिला।
ऑटिज्म के बारे में जागरूकता बढ़ाने के महत्व पर जोर देते हुए, एनडी केयर सेंटर के डॉ. नवदीप शर्मा ने कहा, "ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे के पालन-पोषण की यात्रा को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने के लिए माता-पिता के पास सटीक जानकारी और समर्थन नेटवर्क होना आवश्यक है। इस आयोजन का उद्देश्य माता-पिता को अपने बच्चों का समर्थन करने और उन्हें आगे बढ़ने में मदद करने के लिए आवश्यक ज्ञान और संसाधनों से सशक्त बनाना है।"
एनडी केयर सेंटर की सेंटर हेड, आयुर्वेदिक डॉक्टर डॉ. ............ ने कहा, "हमें अपने अभिभावक जागरूकता कार्यक्रम के लिए इतनी सकारात्मक प्रतिक्रिया देखकर बहुत खुशी हुई। ऑटिज्म के बारे में जागरूकता बढ़ाना और परिवारों को सहायता प्रदान करना अधिक समावेशी और स्वीकार्य समाज बनाने के लिए आवश्यक है। हम ऑटिज्म से पीड़ित व्यक्तियों और उनके परिवारों को पूर्ण जीवन जीने के लिए सशक्त बनाने के अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
यह आयोजन ऑटिज्म से पीड़ित व्यक्तियों और उनके परिवारों के लिए निरंतर समर्थन और वकालत की प्रतिबद्धता के साथ संपन्न हुआ, जिसमें सभी के लिए अधिक समावेशी और सहायक समुदाय बनाने के लिए मिलकर काम करने के महत्व पर जोर दिया गया।