चंडीगढ़/मीडिया जंक्शन
(*एक चेहरा भीड़ से हटकर*)
**हिमांंशी मारवाह** सिर्फ एक समाज सेविका नहीं, बल्कि अच्छाई की एक शक्ति हैं, जिनके समर्पण ने उन्हें व्यापक पहचान दिलाई है और अनगिनत लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाई है। उनकी यह यात्रा, जो महज़ 11 साल की उम्र में अपनी माँ के मार्गदर्शन में शुरू हुई थी, अथक सेवा की एक मिसाल है, जिसे कई पुरस्कारों और सम्मानों से नवाज़ा गया है।
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### **सामाजिक कार्यों और सम्मानों की विस्तृत गाथा**
समाज कल्याण के प्रति हिमांंशी की अटूट प्रतिबद्धता को कई प्रतिष्ठित मंचों पर पहचाना गया है। उन्हें ज़ी टीवी पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश द्वारा ‘अन्नया सम्मान’ से सम्मानित किया गया, जो समाज में उनके असाधारण योगदान का प्रमाण है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, WWICS इमिग्रेशन डिपार्टमेंट ने महिलाओं को सशक्त बनाने के उनके प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें सम्मानित किया।
उनका स्थानीय समुदाय भी उनके काम का उत्सव मनाता है। उन्हें **क्राइस्ट चर्च ज़ीरकपुर** द्वारा उनके अटल सामाजिक कार्यों के लिए सम्मानित किया गया, और **चाइल्ड काउंसिल ऑफ पंचकुला** से एक प्रशंसा प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ। महामारी के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान, जब मानवता को सबसे अधिक मदद की आवश्यकता थी, उन्हें **न्यूजपेपर एसोसिएशन ऑफ इंडिया** द्वारा ‘कोविड वॉरियर’ के रूप में सही रूप से मान्यता दी गई। उनके निस्वार्थ कार्यों को नई दिल्ली में **अग्निपथ सोसाइटी** द्वारा भी सराहा गया, जो उनके निस्वार्थ सेवा भाव को दर्शाता है।
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### **समाज सेवा के प्रति माँ से मिली प्रेरणा**
हिमांशी की सामाजिक सेवा की यात्रा उनकी माँ से गहराई से जुड़ी हुई है, जो स्वयं हरियाणा की एक जानी-मानी समाज सेविका हैं। अपनी माँ के नक्शेकदम पर चलते हुए, हिमांंशी ने **AMAT Society Panchkula** की महासचिव के रूप में पदभार संभाला है, जिसे उनकी माँ ने स्थापित किया था। यह संस्था बच्चों और परिवारों के उत्थान के लिए काम करती है।
अपनी शैक्षिक पृष्ठभूमि, जिसमें समाजशास्त्र में मास्टर और बाल मार्गदर्शन एवं परिवार परामर्श में डिप्लोमा शामिल है, के साथ हिमांंशी ने कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। वह **’कांसेप्ट ऑफ लिविंग ट्रस्ट’** के तहत एक बाल शिक्षिका के रूप में बच्चों को **POCSO एक्ट** के तहत उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करके उन्हें सशक्त बनाती हैं। इसके अतिरिक्त, वह **रेड डॉट फाउंडेशन** के साथ एक ग्राउंड ऑफिसर के रूप में हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम करती हैं। **मुस्कुराहट फाउंडेशन** में एक काउंसलर के रूप में उनका पिछला अनुभव उन्हें जरूरतमंद परिवारों और बच्चों को आवश्यक भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने में मदद करता है।
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### **कला और रचनात्मकता का अद्भुत संगम**
अपने प्रभावशाली सामाजिक कार्यों के अलावा, हिमांंशी एक प्रतिभाशाली **मंडला कलाकार** भी हैं। उनकी जटिल और चिकित्सीय कलाकृति उनकी रचनात्मक आत्मा की झलक पेश करती है, जो उनकी मांग वाली सार्वजनिक सेवा के लिए एक आदर्श संतुलन प्रदान करती है। यह कला उनके जीवन में शांति और संतुलन लाती है, जो उन्हें अपने सामाजिक कार्यों को और भी प्रभावी ढंग से करने में मदद करती है।
उन्होंने अपनी कला को कई प्रतिष्ठित स्थानों पर प्रदर्शित किया है, जिनमें **चितकारा यूनिवर्सिटी राजपुरा**, **केटी कला केंद्र अमृतसर**, और दिल्ली में **गांधी आर्ट गैलरी** *हिंद संग्राम कला अवार्ड* भी शामिल हैं। इसके अलावा, उनकी कला को **उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा** के विभिन्न स्थानों में भी सराहा गया है। उनका मानना है कि **कला में भी समाज को बदलने की शक्ति है।**
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### **प्रेरणा की एक जीवंत मिसाल**
हिमांंशी का जीवन हमें सिखाता है कि जुनून और कड़ी मेहनत से हम किसी भी क्षेत्र में सफलता पा सकते हैं। उनकी कहानी हमें अपने जुनून को खोजने और अपनी प्रतिभा का उपयोग दुनिया में एक ठोस बदलाव लाने के लिए प्रेरित करती है। वह जरूरतमंदों की मदद करने और जीवन में सुंदरता लाने के अपने प्रयासों के माध्यम से लाखों लोगों के लिए एक **सच्ची प्रेरणा** हैं।
