पंचकुला – ( मीडिया जंक्शन- /विक्रांत) – जन्म व मृत्यु भगवान के हाथ मे है लेकिन मृत्यु के बाद अपने कर्मों से जो लाखों लोगों के दिलों में अपने आप को जीवित रख सके वो थे कर्मठ ,समाज सेवी व प्रेस क्लब पंचकुला के चेयरमैन सीनियर पत्रकार सुरेंद्र भाटिया । निर्भीक सीनियर पत्रकार सुरेंद्र भाटिया उन्होंने जीवन भर समाज के दर्द को अपना दर्द समझ अपनी लेखनी के माध्यम से उनकी आवाज को बुलंद किया था ।
सीनियर पत्रकार सुरेंद्र भाटिया पिछले 14 अगस्त से पंचकुला सेक्टर 21 स्थित अलकेमिस्ट हॉस्पिटल में उपचाराधीन थे । उनके निधन की खबर सुनते ही पूरा पत्रकार जगत में शोक की लहर दौड़ उठी । 35 वर्षो से पत्रकारिता जगत को समर्पित करने वाले भाटिया ने अपनी लेखनी से पत्रकार जगत को हमेशा एक नई दिशा दी । पत्रकारिता के क्षेत्र में सीनियर पत्रकार सुरेंद्र भाटिया ने कभी समझौता नही किया । अपने निडर स्वभाव से निर्भीक ओर निश्पक्ष लेखनी में परिपक्व भाटिया हमेशा प्रशासन और सरकार के आगे समाज की समस्याओं को लेकर कभी पीछे नही हटे आधी रात को भी अगर कोई नागरिक उनके घर किसी समस्या को लेकर पहुंच जाता तो वे तुरंत प्रशासनिक अधिकारियों से बेझिझक बातचीत कर उसकी तुरन्त समस्या का हल करवाते थे ।
पंचकुला प्रेस क्लब के चेयरमैन होने के नाते उन्होंने हमेशा पत्रकारों को अपनी लेखनी से समझौता ना करने की सलाह दी । और पत्रकारों के हित के लिये प्रशासनिक अधिकारियों व सरकार के बीच हमेशा तालमेल बनवा कर रखा । और पत्रकारों के अधिकारों की हमेशा आवाज बने रहे । अपने निर्मल स्वभाव के कारण जिला पंचकुला वासियों के दिल मे उन्होंने घर बना रखा था । हमेशा अपने परिवार के सदस्यों कि तरह वह पंचकुला वासियो को अपने परिवार का हिस्सा समझते रहे ।
ट्राईसिटी प्रेस क्लब ने भी दुःख प्रकट करते हुए श्रध्दाजंलि दी।
पत्रकारिता जगत के भीष्मपितामह कहे जाते थे सुरेंद्र भाटिया
